Bihu – बिहू त्योहार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

Bihu: बिहू असम के लगभग 3 अलग-अलग सांस्कृतिक त्योहारों के समूह को दर्शाता है। विश्व भर में असम के लोगों द्वारा इस त्यौहार को धूमधाम से मनाया जाता है। असम वासी अपनी प्राचीन संस्कृति और प्रथा को अपना मूल मानते हैं। हालांकि अभी तो असम वासियों ने शहरी सुविधा को अपना लिया है और इन दशकों में शहरी और लोकप्रिय त्यौहार बन गए। Bihu शब्द बिहू नृत्य और बिहू लोकगीत दोनों को ही संकेत करता है। रोगाली Bihu असम राज्य का एक महत्वपूर्ण त्योहार है।

आधिकारिक नामBihu
प्रकारहिंदू धर्म
अनुष्ठान प्राचीन संस्कृति और प्रथा
अनुयायीभारतीय,असम
बिहू त्योहार के तीन रूपबोहाग बिहू, काटी बिहू और माघ बिहू
Bihu festival in hindi

Bihu त्योहार के तीन रूप है:

बोहाग Bihu, काटी बिहू और माघ बिहू जिनमें से प्रत्येक क्षेत्र के कृषि कैलेंडर की महत्वपूर्ण घटनाओं से मिलता है। बोहाग Bihu अप्रैल महीने के लगभग मध्य में मनाया जाता है। वसंत ऋतु की शुरुआत और फसल रोपण चक्कर की शुरुआत का संकेत देता है। काटी बिहू अक्टूबर महीने में मनाया जाता है। काटी Bihu को अच्छी फसल की प्रार्थना के रूप में मनाया जाता है। माघ बिहू जनवरी महीने में मनाया जाता है फसल पकने के बाद कृषि चक्कर को पूरा होने की निशानी के रूप में मनाया जाता है।

माघ बिहू

पौष माह मैं सक्रांति के दिन असम में माघ Bihu के रूप में मनाया जाता है। इस त्यौहार पर शुरुआत में लोग अग्नि देवता की पूजा करते हैं। इस दिन बॉस के बंबूओ से एक मंदिर जैसे आकार को बनाते हैं जिसे आसामी भाषा में मेजी कहते हैं। सूर्योदय से पहले सभी परिवार के सदस्य स्नान करते हैं इस दिन लोग मेजी का दहन करते हैं। सारे असम में शब्द अपने अपने घरों में स्वादिष्ट भोजन बनाते हैं और अपने परिवार के साथ मिलकर खाते हैं।

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काटी बिहू –

काटी Bihu कार्तिक मास में मनाया जाता है। इस त्यौहार के दिन लोग बांस के डंडों कर दिए जलाते हैं। तुलसी के पौधों के नीचे दीप जलाकर चारों ओर रोशनी करते हैं। काटी बिहू के दिन असम में किसी भी घर में किसी भी प्रकार का भगवान नहीं बनाया जाता और उत्सव भी नहीं मनाया जाता।

फसल कटाई के त्योहार मानव सभ्यता सभी पुराने हैं। यह त्यौहार विभिन्न संस्कारों और अनुष्ठान के माध्यम से माननीय इच्छा को पूरी करने के लिए मनाए जाते हैं। इसलिए बिहू त्योहार की उत्पत्ति का प्रमाण बताना मुश्किल है। देव चौहान मुख्य रूप से खेती से जुड़ा हुआ त्यौहार है। इसलिए यह त्यौहार असम में चावल की खेती के विकास के साथ ही आगे बढ़ा। Bihu के तीनों त्योहारों के रूप आज सारी खेती के चक्र के चारों ओर घूमते हैं। आज की पीढी ने बिहू त्योहार को बहुत ही लोकप्रिय बना दिया है। आज के समाज की सामुदायिक भावना को ध्यान में रखते हुए बिहू त्योहार पर प्रत्येक घर उत्सव के लिए कच्चे माल का योगदान दिया जाता है।

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Bihu – बिहू त्योहार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

उरूका के दिन मछली पकड़ने की एक पुरानी परंपरा को निभाया जाता है। जिसमें गांव के लोग नदी या तालाब में एक साथ मछलियां पकड़ते हैं। उन मछलियों का उपयोग यूके पकवान बनाने में किया जाता है। माघ Bihu में चोरी करने की एक अनोखी ही परंपरा है जो ज्यादातर गांव में युवा लड़कों द्वारा निभाई जाती है। दावत खाने के बाद लोग आपस में बैठकर पुरानी यादों को कहानियों के रूप में बताते हैं और रात बिताते हैं।

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bihu का त्योहार कब मनाया जाता है?

असम में एक साल में तीन bihu मनाया जाता हैं बोहाग (बैसाख, अप्रैल के मध्य), माघ (जनवरी के मध्य में) और काटी (कार्तिक, अक्टूबर के मध्य) के महीनों में। बिहु प्राचीन काल से असम में मनाया जा रहा हैं।

Bihu का त्योहार क्यों मनाया जाता है?

बिहू असम में फसल कटाई का प्रमुख त्योहार है। यह फसल पकने की खुशी में मनाया जाता है।

bihu त्योहार कहाँ मनाया जाता है?

असम में तीन bihu मनाई जाती है। माघ महीने में माघ बिहू, वैशाख में बोहाग bihu और कार्तिक में काटी बिहू मनाया जाता है।

बिहू का अर्थ क्या है?

बिहू शब्द देवरी (एक बोरो-गारो भाषा) शब्द बिसु से लिया गया है जिसका अर्थ है ” अत्यधिक आनंद “।

काटी Bihu कब मनाया जाता है?

काटी Bihu कार्तिक मास में मनाया जाता है।

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