Guru Purnima – गुरु पूर्णिमा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

Guru Purnima उन सभी आध्यात्मिक और अकादमी के गुरुजनों को समर्पित करता है जिन्होंने कर्म योग आधारित व्यक्तित्व अथवा बिना किसी मौद्रिक खर्च के अपनी बुद्धिता को लोगों में बांटा। इस पूर्णिमा को हिंदू जैन बुद्ध आदि धर्मों के लोग एक त्योहार के रूप में मनाते हैं। इन सभी धर्मों के लोग अपने आध्यात्मिक गुरु के सम्मान में इस गुरु पूर्णिमा को त्योहार के रूप में मनाते हैं। इस गुरु पूर्णिमा को महात्मा गांधी ने अपने गुरु के सम्मान में पुनर्जीवित किया था। Guru Purnima वेदव्यास जी के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाई जाती है।

आधिकारिक नामगुरु पूर्णिमा (ग्रीष्मकाल के पूर्ण चाँद के दिन गुरु पूजा)
अनुयायीजैन, हिन्दू भक्त & भारत के बौद्ध भिक्षु
उद्देश्यआध्यात्मिक गुरु के लिए कृतज्ञता व्यक्त करना
उत्सवगुरु पूजा और मंदिर में जाना
अनुष्ठानगुरुपूजा
तिथिआषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा
आवृत्तिवार्षिक
Guru Purnima in hindi

Guru Purnima क्या है –

गुरु पूर्णिमा भारत देश में मनाया जाने वाला हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है जिसमें शिष्य अपने गुरु के सम्मान के लिए कृतज्ञ व्यक्त करते हैं। भारत में गुरु को देवताओं से भी ऊपर दर्जा दिया गया है।

Guru Nanak Gurpurab – गुरु नानक जयंती

Guru Purnima के बारे मैं एक दोहा सबसे अधिक प्रचलित है

गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागू पाय।
बलिहारी गुरु ने गोविंद दियो बताए।।

दोहा

बहुत से लोग साधु संत इस दिन स्नान करके पूजा पाठ करते हैं आरती करते हैं और अपने गुरु को याद करते हैं। Guru Purnima मनाने के पीछे एक महत्वपूर्ण मान्यता है जो महर्षि वेदव्यास जी से जुड़ी हुई है। बहुत से लोग इस दिल महर्षि वेदव्यास जी की मूर्ति की पूजा करते हैं। माना जाता है कि Guru Purnima के दिन अपने गुरु से पूजा करके आशीर्वाद लेने से जीवन सफल हो जाता है।

Guru Purnima का पर्व महान गुरु वेदव्यास जी की जयंती पर मनाया जाता है। कहा जाता है कि भगवान शंकर ने इसी दिन अपने शिष्यों को ज्ञान दिया था और इस दिन कई महान गुरुओं ने जन्म लिया था। और बहुत शिष्यो को इस दिन ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। और इस दिन गौतम बुद्ध ने अपना धर्म परिवर्तन किया था।

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Guru Purnima – गुरु पूर्णिमा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

अपने गुरु और शिक्षक गणों का सम्मान करना हमारा महान कर्तव्य है। प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन में गुरु अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गुरु के ज्ञान और संस्कार के बल पर ही उसका शिष्य ज्ञानी होता है। गुरु की महिमा को महत्व देते हुए प्राचीन ग्रंथों में गुरु को वर्मा जी विष्णु भगवान के सम्मान बताया गया है। एक व्यक्ति अपने जीवन काल में अपने गुरु का ऋण कभी नहीं चुका पाता है

महाभारत काल में द्रोणाचार्य एकलव्य, कौरवों और पांडवों के गुरु थे। इसी तरह किसी ना किसी योद्धा के कोई ना कोई गुरु जरूर होता है। चाणक्य के गुरु उनके खुद के पिता चणक थे। चाणक्य के काल में कहीं महान गुरुओं ने जन्म लिया ऐसा माना जाता है कि महा अवतार बाबा ने आदि शंकराचार्य को क्रिया योग की शिक्षा दी थी। और बाद में उन्होंने कबीर दास जी को शिक्षा दी थी। महान सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु चाणक्य थे।

गुरु पूर्णिमा का महत्व –

Guru Purnima के दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था महर्षि वेदव्यास जी ने महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना की इसके साथ साथ ही 18 पुराणों की रचना महर्षि वेदव्यास ने की। इसलिए महर्षि वेदव्यास जी के जन्मदिवस पर Guru Purnima को मनाया जाता है।

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Guru Purnima का महत्व क्या है?

Guru Purnima के दिन महर्षि वेद व्यास जी की पूजा- अर्चना करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन अपने- अपने गुरुओं का ध्यान करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु कृपा से व्यक्ति का जीवन आनंद से भर जाता है। पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।

गुरु पूर्णिमा पर क्या करना चाहिए?

हिंदू धर्म की मान्यताएं के अनुसार, आषाढ़ माह की पूर्णिमा पर महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है इस दिन शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करते हैं. लोग अपने गुरु को यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करते हैं ।

गुरु पूर्णिमा कब है 2024?

21 जुलाई, 2024 (रविवार)

Guru Purnima के दिन किसका का जन्म हुआ था?

Guru Purnima के दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था ।

गुरु पूर्णिमा को किसकी पूजा होती है?

गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेद व्यास जी की पूजा– अर्चना होती है ।

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