महावीर जयंती (Mahavir Jayanti): भगवान महावीर का जन्म लगभग ढाई हजार साल पहले वैशाली के क्षत्रिय कुंडलपुर में हुआ। भगवान महावीर ने 30 वर्ष की उम्र में मोह माया को त्याग कर सन्यास धारण कर लिया। और भगवान Mahavir आत्म कल्याण के पथ पर निकल पड़े। महावीर जयंती जैन धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार है। इस दिन जैन धर्म के 24 वे तीर्थंकर भगवान Mahavir का जन्म हुआ था।
आधिकारिक नाम | महावीर जयंती |
अनुयायी | जैन अनुयायी, भारतीय, प्रवासी भारतीय |
भगवान महावीर का जन्म | लगभग ढाई हजार साल पहले वैशाली के क्षत्रिय कुंडलपुर में हुआ |
धर्म | जैन धर्म |
भगवान महावीर के माता -पिता का नाम | भगवान महावीर के पिता का नाम सिद्धार्थ और माता का नाम त्रिशला था |
पर्व का महत्व | 12 साल की कठिन तपस्या के बाद भगवान महावीर को ज्ञान की प्राप्ति हुई |
भगवान महावीर के पिता का नाम सिद्धार्थ था और माता का नाम त्रिशला था। भगवान महावीर उनके माता-पिता के तीसरी संतान के रूप में चित्र शुल्क तेरस को जन्म लिया। महावीर का जन्म के समय नाम सिद्धार्थ था जो आगे चलकर महावीर हो गया। महावीर का जीवन त्याग और तपस्या से भरपूर ओत प्रोत था। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी अहिंसा के मूर्तिमान प्रतीक थे। उन्होंने दुनिया को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया।
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Mahavir Jayanti का महत्व –
12 साल की कठिन तपस्या के बाद भगवान महावीर को ज्ञान की प्राप्ति हुई। 72 वर्ष की आयु में भगवान महावीर को पावापुरी मे मोक्ष की प्राप्ति हुई। इस समय में महावीर स्वामी के बहुत सारे अनुयायी बने जिनमें से प्रमुख अनुययी राजा बिम्बासर, चेटक आदि थे। जैन समाज द्वारा महावीर स्वामी के जन्म दिवस को Mahavir Jayanti था उन के मोक्ष दिवस को दीपावली के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है।
कैसे मनाते हैं Mahavir Jayanti
Mahavir Jayanti के दिन जैन धर्म के लोग प्रातकाल प्रभात फेरी निकालते हैं। इसके बाद स्वर्ण और रजत कलश से महावीर स्वामी का अभिषेक किया जाता है। और शिखरों पर ध्वज लगाई जाती है। जैन समाज द्वारा दिन भर में अनेक कार्यक्रमों का धार्मिक आयोजन किया जाता है। और महावीर स्वामी का जन्म उत्सव बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
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महावीर स्वामी के पंचशील सिद्धांत –
अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य, क्षमा:
सत्य-
सत्य के बारे में भगवान महावीर स्वामी बताते हैं कि हे पुरुष तू सत्य को सत्ता तत्व समझ। जो बुद्धिमान सत्य को ही आज्ञा करता है, वह मृत्यु को तेर कर पार कर जाता है।
अहिंसा (Mahavir Jayanti in hindi)-
इस धरती पर जितने भी जीव उनकी हिंसा मत कर, उनको उनके पथ पर जानने से मत रोको।
सभी जीवो के प्रति अपने मन में दया भाव रखो। सभी जीवो की रक्षा करो।
अहिंसा का यही संदेश भगवान महावीर हमें अपने उपदेशों में देते हैं।
अपरिग्रह
भगवान महावीर बताते हैं कि जो इंसान सजीव व निर्जीव जोका संग्रह करता है
तथा दूसरों से भी ऐसा कर आता है उसे कभी अपने दुखों से छुटकारा नहीं मिल सकता।
ब्रह्मचर्य (Mahavir Jayanti in 2023)-
महावीर ब्रह्मचर्य के बारे में बहुत ही अमूल्य बात बताते हैं कि ब्रह्मचर्य नियम ,ज्ञान और संयम की जड़ है। तपस्या में ब्रह्मचर्य तपस्या सबसे श्रेष्ठ मानी गई है। इसमें महावीर बताते हैं कि जो पुरुष स्त्रियों से संबंध नहीं रखते उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है।
क्षमा
क्षमा के बारे में महावीर बताते हैं कि मैं जीवो से क्षमा चाहता हूं। संसार के सारे जिवो के प्रति मेरा मैत्री भाव है। मेरी किसी से भी दुश्मनी नहीं है। मैं सच्चे और निर्मल हृदय से धर्म में स्थिर हुआ हूं। सब जीवो से मैं मेरे सारे अपराधों की क्षमा मांगता हूं। और सारे जीवन जो मेरे ऊपर अपराध किए हैं मैं उन्हें क्षमा करता हूं।
Mahavir Jayanti की कथा –
राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के पुत्र के रूप में महावीर का जन्म हुआ। कहा जाता है कि रानी त्रिशला को गर्भावस्था की अवधि के दौरान कई शुभ सपने आते थे। ऐसा माना जाता है कि जैन धर्म में गर्भावस्था के दौरान ऐसे महान सपनों के आने से एक महान आत्मा का आगमन होता है