Rama Navami: रामनवमी हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के गद्दारों को समाप्त करने के लिए, और धर्म की पुनः स्थापना के लिए भगवान विष्णु ने मृत्युलोक में श्री राम के रूप में अवतार लिया था। श्री राम का जन्म चेत्र शुक्लकी नवमी के दिन हुआ था। श्री राम के पिता का नाम दशरथ के माता का नाम कौशल्या था।
अनुयायी | हिन्दू |
उद्देश्य | राम का जन्मदिवस |
उत्सव | चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिवस |
अनुष्ठान | पूजा, व्रत, उपवास, कथा, हवन, दान |
तिथि | चैत्र शुक्ल नवमी |
आवृत्ति | वार्षिक |
राम का अर्थ –
राम का अर्थ है स्वयं का प्रकाश; अपने भीतर प्रकाश। “रवि”शब्द “राम”शब्द का पर्याय है।
Rama Navami संपूर्ण भारत में मनाई जाती है। तेलंगाना का भद्राचलम मंदिर स्थानों में है जहां Rama Navami बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। रामनवमी का चौहान पिछले कई सालों से मनाया जा रहा है। रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। लेकिन लंबे समय तक कोई भी रहने के संतान नहीं हुई। जिससे राजा दशरथ बहुत परेशान रहते थे। पुत्र की प्राप्ति के लिए राजा दशरथ को ऋषि वशिष्ठ ने पुत्रकामेष्टि यज्ञ करने की सलाह दी। तब राजा दशरथ ने अपने जमाई महर्षि ऋष्यश्रृंग से यज्ञ करवाया। जिसके बाद यज्ञ कुंड से एक व्यक्ति अपने हाथों में खीर की कटोरी लेकर बाहर आया।
यज्ञ की समाप्ति के बाद महर्षि ने दशरथ की तीनों पत्नियों को एक – एक कटोरी खीर खाने को दी। खीर खाने के कुछ महीनों बाद राजा दशरथ की तीनों पत्नियां गर्भवती हो गई। 9 महीने बाद राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने अपने बेटे राम को विष्णु के 7 अवतार में जन्म दिया। उसके बाद कैकयी ने भरत को जन्म दिया। रानी सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया। भगवान राम का जन्म धरती पर दुष्ट प्राणियों का संघार करने के लिए हुआ।

आदि राम
कबीर जी ने आधी राम की परिभाषा बताते हुए काहे की आदि राम वह अविनाशी परमात्मा है जो सब का परमात्मा है। जिसके एक इशारे पर धरती और आकाश काम करते हैं। जो पूर्ण मोक्ष दायक है। “एक राम दशरथ का बेटा, एक राम घट – घट में बैठा, एक राम का सकल उजियारा, एक राम जगत से न्यारा”।।
Rama Navami कैसे मनाते हैं-
Rama Navami हिंदू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन पड़ता है। चैत्र माह में माता दुर्गा की पूजा की जाती है और नवरात्रि मनाई जाती है इसी दौरान नवरात्रि के नव दिन रामनवमी होती है हिंदू धर्म में धार्मिक ग्रंथों की हवन पूजन भजन आदि किए जाते हैं इस दिन कई लोग शिशु रूप में भगवान राम की मूर्ति पूजा भी करते है। इस दिन श्री राम के मंदिर आकर्षण के केंद्र होते हैं। साथ ही यहां पर प्रसाद वितरण होता है। कुछ लोग इस समय नवरात्रि में पूरे 9 दिनों का उपवास रखते हैं। दक्षिणी भारत में लोग इस त्यौहार को भगवान राम और सीता की शादी की सालगिरह के रूप में मनाते हैं।
रामनवमी पूजन-
Rama Navami के त्योहार का महत्व हिंदू धर्म सभ्यता में महत्वपूर्ण रहा है। Rama Navami की पूजा में पहले देवताओं पर जल, रोली और लेपन चढ़ाया जाता है। इसके बाद मूर्तियों पर मुट्ठी भर के चावल चढ़ाए जाते है। इसके बाद आरती की जाती है। श्री राम के जन्म के बाद ब्रह्मा जी के साथ सभी देवी देवता विमान से जाकर अयोध्या पहुंच गए थे। आसमान देवताओं के समूह से भर गया था। पूरे नगर में उत्सव का माहौल था। राजा दशरथ जी बड़े उत्साहित थे। सभी रानियां आनंद में मग्न थी। राजा दशरथ ने ब्राह्मणों को सोने के आभूषण व वस्त्र भेंट किए ।
गोस्वामी तुलसीदास –
गोस्वामी तुलसीदास ने उनके महाकाव्य रामचरितमानस की रचना को अयोध्या में इसी समय शुरू किया था। इसलिए अयोध्या नगर वासियों और राम भक्तों के लिए इस दिन का विशेष महत्व है। एक भारत देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इस पर्व को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। Rama Navami के मुहूर्त को शुभ कार्यों के लिए बहुत ही खास माना जाता है इस दिन सभी मांगलिक कार्यक्रम बिना सोच समझकर किए जाते हैं।
People also ask About Rama Navami –
यह पर्व भारत में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। रामनवमी के दिन ही चैत्र नवरात्र की समाप्ति भी हो जाती है। हिंदु धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था अत: इस शुभ तिथि को भक्त लोग रामनवमी के रूप में मनाते हैं एवं पवित्र नदियों में स्नान करके पुण्य के भागीदार होते है।
त्योहार अयोध्या, कोसल में राजा दशरथ और रानी कौशल्या के जन्म के माध्यम से विष्णु के वंश को राम अवतार के रूप में मनाता है । यह त्योहार वसंत ऋतु में चैत्र नवरात्रि का एक हिस्सा है, और हिंदू कैलेंडर में पहले महीने चैत्र के शुक्ल पक्ष (शुक्ल पक्ष) के नौवें दिन पड़ता है।
असली राम (आदि राम), अनश्वर, अविनाशी परमात्मा है जो सब का पालनहार पिता है।
जिसके एक इशारे पर धरती और अंबर काम करते हैं जिसकी स्तुति में तैंतीस करोड़ देवी-देवता नतमस्तक रहते हैं।
इसके साथ ही गोस्वामी तुलसीदास ने रामनवमी के मौके पर अयोध्या में रामचरितमानस की रचना शुरू की थी।
भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है।
भगवान श्री राम का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में हुआ था।
राम नवमी को देशभर में बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम की विशेष पूजा– अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री राम की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी।